सावन की बूंदें
सावन की बूंदे कुछ कहती हैं, सुन सको तो सुन लो।
ये बूंदे आस के मोती बरसाती हैं, तो नयनों के कोरें भी भिगोती हैं।
सावन की बूंदे कुछ कहती हैं, सुन सको तो सुन लो।
इन बूंदों में उड़ान की उमंग होती है, तो टपकती बूंदे गिरने का डर भी दिखाती हैं।
सावन की बूंदे कुछ कहती हैं, सुन सको तो सुन लो।
रिमझिम सी आवाज मन को गुदगुदाती है, तो टप - टप करती बूंदे खालीपन का एहसास भी कराती हैं।
सावन की बूंदे कुछ कहती हैं, सुन सको तो सुन लो।