19 अगस्त 2015

नागपंचमी का पर्व

                       
 

भारतवर्ष की पृष्ठभूमि पर मनाया जाने वाला नागपंचमी का पर्व अत्यंत प्राचीन है . भारतीय वैदिक परम्परा के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन यह मनाया जाता है.मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने शेषनाग को पृथ्वी धारण करने का आशीर्वाद प्रदान किया था.
नागपंचमी का पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिन्दू धर्म में सावन महीने से त्योंहारों के शुरुआत का पर्व माना जाता है.हिन्दू पर्वो में नागपंचमी महत्वपूर्ण है.इस दिन नाग देवता की पूजा दूध -लावा से की जाती है.आज के दिन हाथों में मेहदीं लगाना शुभ माना जाता है .गांवों में सरोवरों पर महिलाओं द्वारा गीत गाकर गुडिया फेंकी जाती है तथा कजरी गाई जाती है .नागपंचमी के दिन विशेष रूप से दंगल का आयोजन होता है.
ऐसा माना जाता है कि नागपंचमी के दिन इन सब रस्मों को पूरा करना शुभ होता है. यह दिन संपेरों की रोजी रोटी के लिए भी खास होता है,लोगों को नाग देवता के दर्शन कराकर वे धन अर्जित करते है .

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