17 सितंबर 2014

विश्वकर्मा पूजा


                      


              “विश्वं कृत्स्नं कर्म व्यापारो वा यस्य सः”

                    अर्थात् जिसके लिए सम्पूर्ण सृष्टि और कर्म व्यापार है,वह विश्वकर्मा हैं। 

हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा जी को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। लोगों में ऐसी धारणा है कि सोने कि लंका का निर्माण भी इन्होने ने ही किया था। इसी दिन सूर्य कन्या राशी में प्रवेश करती है जिससे कि इस दिन को कन्या संक्रांति भी कहा जाता है।  विश्वकर्मा पूजा विशेष रूप से  औद्दोगिक जगहों, फैक्ट्रियों , लोहे की  दुकानों, सर्विस सेंटरों व वाहन के शोरूम आदि में की जाती है। इस दिन कल -कारखानों में काम नही होता है, बल्कि मशीनों की साफ -सफाई व रंग -रोगन कीजाती है। प्रत्येक वर्ष के सितम्बर महीने की १७ तारीख को विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जाता है। इस पूजन में प्रसाद के रूप में विश्वकर्मा भगवान को काले चने और सूजी का हलवा चढ़‍ाया आता है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें